कोतमा- आखिर एक के बाद एक भाजपा पार्षदों द्वारा नए नवेले भाजपा नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ पर भ्रष्टाचार का आरोप क्यों लगाया जा रहा कुछ तो गड़बड़ है ! अभी कुछ दिन पूर्व वार्ड 13 की भाजपा पार्षद मीना अंकित सोनी ने नगर पालिका अध्य्क्ष अजय सराफ पर भ्रष्टाचार करनें का खुला आरोप लगाया था ! वही अब एक और भाजपा पार्षद ने भी भ्रष्टाचारी नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ के मोर्चा खिलाफ खोल दिया है ! वार्ड 13 की भाजपा पार्षद मीना अंकित सोनी ने नपाध्यक्ष पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगातें हुए स्वयं सभापति के पद से इस्तीफा दे दिया है ! तो दूसरे भाजपा पार्षद नोहर सिंह ने नपा अध्यक्ष अजय सराफ द्वारा गठित पीआईसी पर सवाल खड़ा किया है ! साथ ही उच्च अधिकारियों से सम्पूर्ण मामलें की शिकायत करनें के साथ ही कोतमा नगर में चल रहें तमाम निर्माण कार्यो के गुणवत्ता की उच्च स्तरीय जांच सहित वर्तमान पीआईसी को निरस्त करनें की मांग कि है !
यकीनन भ्रष्टाचार तो सभी सीमाएं पार कर चुका है-
हलाकि दोनों भाजपा पार्षदों ने अध्यक्ष पर कोई गलत आरोप नही लगाया है सच यही है कि समस्त निर्माण कार्यो में गुणवत्ता का ध्यान बिल्कुल भी नही रखा जा रहा ! नगर पालिका अध्यक्ष एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वालें दोगले पार्षद सहित सीएमओ इंजीनियर की महेरबानी से दो तीन चहेते ठेकेदार मनचाहा निर्माण कार्य कर रहें है ! फिर इन्ही दो चार चहेते ठेकेदारों द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष एवं दोगले भ्रष्टाचारी पार्षद सहित नगर पालिका सीएमओ इंजीनियर को मनचाहा कमीशन देकर गुणवत्ता विहीन घटिया निर्माण कार्यो का भी भुगतान आसानी से करा लिया जाता है ! अपना तो यही है कहना करतें रहो भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार कोई नगर विकास और समाज सेवा करनें के लिए थोड़ी लाखों करोड़ों ख़र्च करके कोई अध्यक्ष पार्षद बना है !
कही ये विवाद अध्यक्ष की कुर्सी ना छीन लें-
परिषद बनें लगभग ढाई साल हो गए और अगर इसी तरह पार्षद मोर्चा खोलते रहें तो तीन साल पूरे होतें ही नगर पालिका अध्यक्ष अजय सराफ को एक बार फिर जोर का झटका धीरे से लगेगा ! क्योंकि तीन साल जैसे पूरा होगा अजय सराफ को नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी बचानें के लिए एक बार फिर पार्षदों को मनानें की कीमत चुकानी पड़ेगी ! पहली बार कुर्सी पानें के लिए कीमत चुकाई थी अब कुर्सी बचानें के लिए चुकानी पड़ेगी अगर कीमत नही चुकाया तो निश्चित अध्यक्ष की कुर्सी छिन जाएगी ! शायद इसीलिए भी नगर पालिका द्वारा कराएं जा रहें निर्माण कार्यो में जमकर भ्रष्टाचार चल रहा क्योंकि कुछ महीने बाद होनें वालें राजनैतिक कार्यक्रम फ्लोर टेस्ट में इसी भ्रष्टाचार के पैसे से पार्षदों को खरीद कर कुर्सी बचाई जाएगी !