आमीन वारसी-
कोतमा- वर्षों से जंगल की शासकीय भूमि खेल मैदान पर नगर का हर युवा क्रिकेट खेलकर बड़ा हुआ उक्त मैदान पर वर्षों से कई सास्कृतिक धार्मिक एवं राजनैतिक कार्यक्रम भी होतें आ रहें ! लेकिन आज अचानक वही शासकीय भूमि खसरा नं 232 प्राइवेट भूमि में तब्दील हो गई ! जबकि वर्ष 1980 से पहले राजस्व रिकॉर्ड अनुसार कोतमा तहसील अंतर्गत पटवारी हल्का गोइदा खसरा नं 230-231-232 की संपूर्ण भूमि पर जंगल दर्ज है ! फिर भी उक्त शासकीय भूमि कैसे प्राइवेट भूमि बन गई इसका नगर वासियों एवं वार्ड वासियों को पता नही है !
वही स्थानीय राजस्व विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कोतमा एसडीएम अजीत तिर्की एवं तहसीलदार ईश्वर प्रधान जी पूरी तरह मौन धारण किये हुए है ! कोई भी उक्त शासकीय भूमि पर खुलेआम हो रहें कब्जे पर बोलने को तैयार नही है ! कोतमा नगर की आमजनता को मालूम हो कि कोतमा नगर पालिका अंतर्गत वार्ड नं 10 जमुना तिराहा मजार ग्राउंड की उक्त शासकीय भूमि खसरा नं 232 पर अवैध कब्जा चल रहा !
बता दे कि उक्त शासकीय भूमि पर भालूमाडा़ निवासी अशोक त्रिपाठी द्वारा कब्जा किया जा रहा पूछने पर अशोक त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि कोतमा नगर पालिका अध्य्क्ष अजय सराफ जी द्वारा मुझे यह भूमि खसरा नं 232 बेची गईं है इसलिए इस भूमि खसरा नं 232 पर निर्माण कर रहा हूँ !
वही वार्ड वासियों का कहना है कि वार्ड नं 10 की अधिकतर भूमि जंगल शासकीय एवं आदिवासियों की है ! यहाँ निवासरत लगभग 80℅ लोग जंगल एवं शासकीय भूमि पर मकान दुकान बनाकर अपना जीवन यापन कर रहें साथ ही वर्षों से शासकीय भूमि खसरा नं 232 पर तरह तरह के कार्यक्रम होते चलें आ रहें नगर एवं वार्ड मोहल्ले के बच्चे क्रिकेट फुटबॉल सहित अन्य खेल टूनामेन्ट करतें आ रहें है ! आज वही भूमि प्राइवेट व्यक्ति की कैसे हो गई जरूर कही ना कही भूमि खरीद फरोख्त के लिए बड़ा गोलमाल किया गया है जिसमें राजस्व जंगल विभाग मिला हुआ है या फिर विभाग से बड़ी चूक हुई है जो निश्चित ही जांच का विषय है ! वार्ड वासियों का कहना है कि अगर जिम्मेदार विभाग उचित जाचं कर उचित कार्यवाही नही करेगा तो हम वार्ड वासी मजबूर होकर आदोंलन प्रर्दशन करेगें जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी !