आमीन वारसी
अनूपपुर – वन परिक्षेत्र बिजुरी अंतर्गत हो रहें नए नए कारनामें देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वन विभाग उच्चाधिकारियों का उक्त कारनामों में पूरा अभयदान रहता है !
- तभी तो फर्जी टी. पी. जैसा मामला अपराध की श्रेणी में आने के बावजूद भी इसकी जांच नही होना और पुनः नई टी पी जारी करना कई सवालों को जन्म देता है! रामनगर बैरियर प्रभारी प्रेमलाल वनवासी के शपथ पत्र अनुसार वाहन क्रमांक एम पी 18 जी ए 2885 से नीलगिरी परिवहन हेतु बिजुरी रेंज कंप्यूटर ऑपरेटर संजय शुक्ला से फोन पर बातचीत कर टी. पी. जारी करनें डिप्टी रेंजर एवं वाहन मालिक के बीच हुई बातचीत की वायरल ऑडियो क्लिप की सच्चाई का पता कम से कम जिम्मेदार अधिकारियों को तो लगाना ही चाहिए था !
- जांच प्रतिवेदन में रेंजर ने स्वयं को बताया अंजान
- इस फर्जी टी. पी. मामलें में वन मंडल अधिकारी अनूपपुर पत्र के संदर्भ में सौंपे गए अपनें ही जांच प्रतिवेदन में वन परिक्षेत्र कार्यालय बिजुरी में पदस्थ रेंजर ने खुद को इस मामलें से अंजान बताया जो आमजनता के समझ से परे है! वहीं सूत्रों का कहना है कि यदि छत्तीसगढ़ से लकड़ियों को लेकर आनें वालें सभी वाहनो की नाकों पर सघनता से जांच की जाए तो कई बड़े चौकानें वालें खुलासे हो सकतें है !
आखिर क्या है वायरल ऑडियो की हकीकत!
- प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजुरी रेंजर के द्वारा जारी अपने प्रपत्र में लिखित रूप से जानकारी देते हुए बताया गया है कि उक्त मामलें से संबंधित कुछ ऑडियो क्लिप तत्कालीन वन मंडलाधिकारी अनूपपुर द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से उनके निजी नंबर पर प्राप्त होना तथा फोन में कुछ तकनीकी समस्या के चलते पूरा फोन फॉर्मेट होने से फोन का पूरा डाटा नष्ट होना बताया गया है जो कि कहीं न कहीं फर्जी टी पी मामलें में जनचर्चा का विषय बन चुके उक्त वाहन चालक एवं वनवासी के बीच हुई बातचीत साथ ही वायरल ऑडियो क्लिप की सत्यता किस ओर इशारा कर रहा है! साथ ही वनवासी द्वारा भी अपनें शपथ पत्र में यह बताया गया है कि उक्त मामलें में फोन पर संजय शुक्ला कंप्यूटर ऑपरेटर ने बिजुरी रेंजर की सहमति बताकर टी. पी. पर सील और हस्ताक्षर करनें को कहा था तो फिर प्राप्त आवेदन पर संज्ञान लेते हुए उक्त मामलें की जांच कर दोषी व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही करनें से विभाग क्यों बचता नज़र रहा है ! विभाग वायरल ऑडियो की सत्यता की जांच करानें से क्यों कतरा रहा कही ऐसा तो नहीं कि असली दोषी के सामने आतें ही जिम्मेदारों का भंडा फूट जाएगा शायद जिम्मेदार अधिकारियों को इसी बात का डर सता रहा है !
- इनका कहना :
उक्त मामलें की फाइल बाबू से मगाकर इस मामलें की जानकारी आपकों मेरे द्वारा जल्द ही दी जाएगी !
श्रद्धा पेंद्रे
वन मंडलाधिकारी, अनूपपुर