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रायल रिच फाईनेनशियल कंपनी के नाम पर साहिल ने की लाखों की ठगी

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आमीन वारसी-

कोतमा- थाना अंतर्गत वार्ड नं 12 गोविंदा कालरी निवासी शेख नियाजुददीन उर्फ साहिल पिता नवाजुद्दीन उम्र 34 वर्ष द्वारा रायल रिच फाईनेनशियल कंपनी के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी गई है ! जिसकी लिखित शिकायत फरियादियों द्वारा कोतमा थानें में की गई है ! ठगी का शिकार हुए फरियादियों ने बताया कि शेख नियाजुददीन उर्फ साहिल हम सभी निवेशकों से किसी रायल रिच फाईनेशियल सर्विसेस प्राईवेट लिमिटेड कंपनी का नाम बताकर हम लोगों को कंपनी के खातें में पैसा डालने को कहा नियाजुददीन ने कहा कि अगर इस कंपनी में पैसा निवेश करोगे तो एक साल में आपका पैसा डबल हो जाएगा और किसी भी तरह का फ्राड नही होगा ये मेरी गारंटी है अगर कंपनी किसी भी तरह की धोखाधड़ी करती है तो आप सभी लोगों का पैसा मैं वापस करूँगा लेकिन जो पैसा कंपनी से आप लोगों को आएगा मुझे कमीशन देना पड़ेगा !
हम सभी प्रार्थी गण प्रतिमाह अपनें प्राप्त पैसे से शेख नियाजुददीन उर्फ साहिल को कमीशन देते थें फिर अचानक पैसा आना बंद हो गया तो हम लोगों ने शेख नियाजुददीन उर्फ साहिल से अपना पैसा मांग रहें तो शेख नियाजुददीन पैसा देने से साफ मना कर रहा और अब हम लोगों को जान से मारने की धमकी दे रहा !

बता दे कि शेख नियाजुददीन उर्फ साहिल का बड़ा भाई राजा भी इसी तरह की धोखाधड़ी करके कई लोगों को लाखों का चूना लगा चुका ! बताया जा रहा कि इन दिनों शेख नियाजुददीन उर्फ साहिल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रहकर लोगों के साथ इसी तरह की धोखाधड़ी कर रहा ! कोतमा पुलिस इस मामलें को तत्काल संज्ञान में ले जिससे किसी और के साथ इस तरह की धोखाधड़ी ना हो सकें !

सासंद हिमाद्रि सिंह की संपत्ति में हुआ पांच साल में पांच करोड़ से ज्यादा का इजाफा

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है ना ऐतिहासिक विकास –

आमीन वारसी- 

कोतमा- भक्तों को इस खबर पर मिर्ची लगेगी जरूर लेकिन हम सवाल ऐसे ही करेंगे अगर किसी भक्त को मिर्ची लगें तो यह बतानें की कृपा करें कि आखिर सासंद महोदया हिमाद्रि सिंह के पास आय से अधिक संपत्ति कहा से आई !

सासंद महोदया द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र अनुसार सासंद महोदया के पास 8 करोड़ 50 लाख से ज्यादा चल अचल संपत्ति है !

अब सवाल है कि जब सासंद महोदया को वेतन 1 लाख रुपए ही मिलता है उस हिसाब से तो एक साल में 12 लाख हुए और 5 साल में 60 महीने मतलब 5 साल में 60 लाख रुपए ही होना चाहिए ! फिर सासंद महोदया 5 साल में 5 करोड़ से ज्यादा चल अचल संपत्ति की मालकिन कैसे बन गई !

चलिए अगर ये मान भी लिया जाए कि सासंद महोदया ने अपनें वेतन से एक रुपए भी खर्च नही किया है तो भी 5 करोड़ 50 लाख रुपए बहोत ज्यादा है ! सासंद महोदया हिमाद्रि सिंह ने ख़ुद ही वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव में शपथ पत्र दिया था कि उनके पास कुल संपत्ति 3 करोड़ 66 लाख रुपए है !

मतलब यह हुआ कि सासंद महोदया 1 करोड़ रुपए से ज्यादा सालाना कमाई की है अब कैसे कमाया है ये तो जाचं का विषय है !

सभी जानतें है अमृतकाल चल रहा और अमृतकाल में

(ईडी सीबीआई इन्कम टैक्स)

जैसी ऐजेंसिया सत्ता धारी नेताओं के घर छापा नही मारती ! इसलिए मेरी तरह शहडोल संसदीय क्षेत्र की आमजनता आम मतदाता सहित शहडोल संसदीय क्षेत्र के हजारों बेरोजगार युवकों को सासंद महोदया से यह सवाल जरूर पूछना चाहिए कि आपनें आखिर कैसे (1 )करोड़ रुपए सालाना कैसे कमाया हमें भी बताए !

भाजपा सांसद प्रत्याशी हिमाद्रि द्वारा लिखे गए पत्र की कोई अहमियत नही

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आमीन वारसी-

कोतमा- बता दे कि शहडोल संसदीय क्षेत्र से हिमाद्रि सिंह सांसद अवश्य है हो सकता है एक बार फिर से हिमाद्रि सिंह (ईवीएम) का चमत्कार होनें साथ ही मोदी जी की कृपा और भारतीय जनता पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ताओं की बदौलत पुनः शहडोल संसदीय क्षेत्र की सासंद बन जाए ! लेकिन हिमाद्रि सिंह के सासंद बननें से शहडोल संसदीय क्षेत्र की आमजनता का ना कभी कोई फायदा हुआ है और नाही कभी होगा ! क्योंकि सासंद हिमाद्रि द्वारा लिखे गए पत्र की कोई अहमियत ही नही है ! ऐसे एक नही अनेकों उदहारण हमारें पास है जो चीख़ चीख़ कर ये कह रहें है कि सासंद हिमाद्रि सिंह द्वारा संबंधित विभाग को लिखा गया पत्र हमेशा बेअसर रहा ! संबंधित विभाग एवं संबंधित अधिकारी उक्त पत्र को पढ़कर रद्दी की टोकरी में डाल देते है ! और परेशान पीड़ित व्यक्ति यह आस लगाए बैठा रहता है कि शायद सासंद महोदया द्वारा लिखी गई चिट्ठी से उसकी समस्या का समाधान हो जाएगा ! ऐसा ही एक मामला कोतमा नगर का है जहाँ एक पीड़ित परेशान जैन साहब अपनी चाची माँ के ईलाज के लिए सासंद महोदया हिमाद्रि सिंह से मदद मागनें गए थें ! बडी़ मुश्किल से मैडम से मुलाकात हुई फिर सासंद महोदया ने अपनें लेटर पैड में संबंधित विभाग को एक पत्र लिखा और जैन साहब को देकर मैडम ने कहा कि इस पत्र को संबंधित विभाग व्यक्ति को देदे आपकी समस्या का समाधान हो जाएगा जैन साहब ने भी संबंधित विभाग तक मैडम का लिखा पत्र पहोचा तो दिया ! लेकिन आज दिनांक तक जैन साहब की समस्या का समाधान नही हो सका इससें यह साबित होता है कि सासंद महोदया के पत्र की कोई अहमियत ही नही है अगर मैडम द्वारा लिखें गए पत्र की अहमियत होती तो निश्चित ही अब तक जैन साहब की समस्या का समाधान हो जाता !

हिमाद्रि का आमजनता से दूर दूर तक कोई रिश्ता नही –

कहते है कि आमजनता मतदान के माध्यम से अपना नेता मुखिया चुनती है जिससे वक्त जरूरत पड़ने पर वही सासंद विधायक अध्यक्ष पार्षद सरपंच नेता क्षेत्र के मुखिया आमजनता की समस्या का समाधान करेगा !

लेकिन कुर्सी और पद पानें के बाद हर नेता आमजनता और उनकी समस्या को भूलकर अपनें निजी स्वार्थ में व्यस्त हो जाता है ! ठीक उसी तरह शहडोल संसदीय क्षेत्र की सासंद प्रत्याशी हिमाद्रि सिंह का भी यही हाल है! हिमाद्रि सिंह वर्ष 2019 में सासंद तो बन गई थी लेकिन आज भी आम जनता से दूर दूर तक कोई संपर्क नही है ! क्योंकि हिमाद्रि सिंह ने अपना पूरा कार्यकाल दिल्ली भोपाल और निज निवास राजेन्द्र ग्राम स्थित आलीशान बगलें में रहकर गुजार दिया जब कभी पार्टी कार्यक्रम सहित कोई नेता खास चेला चपाटियों के घर पर किसी प्रकार का आयोजन होने पर सासंद महोदया पार्टी कार्यक्रमों सहित अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने अवश्य पहोच जाती है ! अगर आमजनता के सुख दुःख की बात करें तो जनता द्वारा चुनी गई सासंद महोदया हिमाद्रि सिंह के पास आमजनता से मिलने और उनकी समस्या दूर करनें का समय नही है !

भले ही पीड़ित परेशान व्यक्ति अपनी समस्या लेकर 1000- 500 रुपए किराया भाड़ा लगाकर सासंद महोदया के घर तक पहोचता है तो कभी मैडम घर पर ही नही मिलती और अगर मिल भी गई तो एक लेटर पैड पर लिखकर पीड़ित को देकर चलता कर दिया जाता है जिसकी विभाग में रत्ती भर भी अहमियत नही !

अगर एक बार फिर से हिमाद्रि सिंह चुनाव जीत भी जाए शहडोल संसदीय क्षेत्र की सासंद बन भी जाए तो पार्टी नेताओं को छोड़कर आमजन आम मतदाता का कोई फायदा नही होने वाला जो वर्ष 2019 से 2024 तक पांच साल में संसदीय क्षेत्र का भला नही कर पाई वो आगें क्षेत्र का और कितना भला करेगी ये हिमाद्रि सिंह के चुनाव जीतने के बाद शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता को खुद ही समझ आ जाएगा !

मंत्री जायसवाल की समझाईश पर आक्रोशित जनों ने धरना किया समाप्त

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आमीन वारसी-

कोतमा- जेएमएस कंपनी में कार्यरत 22 वर्षीय मजदूर सच कुमार जायसवाल की मौत होने उपरांत आक्रोशित परिजन एवं ग्रामीणों ने विरोध दर्ज करातें हुए लापरवाही का आरोप सीधे प्रबंधन पर लगाया ! परिजनों एवं ग्रामीणों का कहना है कि 22 वर्षीय युवक की मौत घटना स्थल पर ही हो गई थी फिर भी प्रबंधन मामलें को छुपाने के लिए आनन – फानन में मृतक को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने बताया कि इसकी मृत्य हो चुकी है !

बता दे कि क्षेत्र में संचालित उरतान नार्थ भूमिगत कोल माइंस परियोजना जिसमें जेएमएस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा खदान का मुहाढा़ बनानें का कार्य किया जा रहा है ! जँहा कार्य के दौरान पत्थर में दबाकर मजदूर की मौत हो गई देर रात में मौत के बाद सुबह ग्रामीणों द्वारा प्राइवेट कोल माइंस के सामनें मृतक का शव रख कर धरना प्रदर्शन किया गया !

धरना प्रदर्शन की सूचना पाकर तत्काल मौके पर मध्यप्रदेश कैबिनेट मंत्री दिलीप जायसवाल पहुंचे मजदूर की मौत के संबंध में जेएमएस कंपनी प्रबंधन से बात चीत कर परिजनों को उचित मुआबजा एवं नौकरी देने की बात कही जिस पर प्रबंधन ने मंत्री जी एवं परिजनों की बात मान ली तब कही जाकर मामला ठंडा हुआ ! मध्यप्रदेश कैबिनेट मंत्री दिलीप जायसवाल ने जेएमएस कंपनी में कार्यरत जिम्मेदार अधिकारियों को फटकार लगातें हुए कहा कि जब जेएमएस कंपनी प्राईवेट लिमिटेड कोल अधिनियम के तहत संचालित की गई है जो नियम बनाएं गए है तो उसी नियम के तहत ही कार्य कराए साथ ही सुरक्षा में बिल्कुल भी लापरवाही ना करें साथ ही बनाए गए नियमों के आधार पर ही मजदूरों का वेतन भुगतान किया जाए !

साथ ही मजदूरों को सेफ्टी उपकरण भी उपलब्ध कराया जाए सुरक्षा में चूक की वजह से 22 वर्षीय युवक सच कुमार जायसवाल की कार्य के दौरान दुर्घटना हुई जिससेे मौके पर ही मौत हो गई ! मंत्री जी की समझाईश के बाद आक्रोशित ग्रामीणजन एवं परिजन धरना प्रदर्शन समाप्त कर मृतक का अंतिम संस्कार करनें को तैयार हुए ! अब देखना यह है कि मंत्री जी के निर्देश के बाद जेएमएस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मृतक परिवार की क्या सहायता करती है !

भ्रष्टाचार बढ़ती महगाई बेरोजगारी पर चुप क्यों है मोदी सरकार

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आमीन वारसी-

अनूपपुर- भारत देश को जब अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली तो सभी देशवासियों की आंखों में सुनहरे सपने थें देशवासियों ने सोचा था कि अब कोई गरीब नहीं रहेगा कोई भी नौजवान बेरोजगार नहीं रहेगा प्रत्येक व्यक्ति की रोटी कपड़ा और मकान की जरूरत पूरी होगी लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी वह सपना अधूरा है !

वो इसलिए कि भ्रष्टाचार महंगाई और बेरोजगारी भारत देश की पहचान बन चुकी है इस देशव्यापी समस्या से अनूपपूर भी अछूता नहीं है !

यहां कदम- कदम पर भ्रष्टाचार फलफूल रहा अधिकतर कार्यालयों में पदस्थ दरबान से लेकर अफसरान तक कमीशन लिए बगैर फाइल आगें नही बढ़ातें हैं महंगाई ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं आम आदमी की थाली से सब्जियां गायब हैं जो सामान्य आय वालें परिवार की हैसियत से बहुत दूर हो चुकी हैं !

आज बेरोजगारी का आलम यह है कि जिलें के शहरी क्षेत्रों में पढें लिखें युवक युवतियां बेरोजगार तो है ही साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी पढें लिखें बेरोजगार युवक युवतियां सहित अनपढ़ लोगों की भरमार है !

जबकि गांव में रोजगार मुहैया करानें के लिए मनरेगा लागू है, लेकिन जिले में इसकी स्थिति भी बेहद खराब है विभागीय आंकड़े के कुछ कह रहें और जमीनी हकीकत कुछ और ही है!जबकि सरकार का दावा है कि प्रत्येक जॉब कार्डधारक परिवार को वर्ष में कम से कम सौ दिन रोजगार की गारंटी है लेकिन जिले में यह दावे भी खोखले साबित हो रहे हैं! यहां सौ दिन रोजगार पानें वालों का आंकड़ा काफी कम है बेरोजगारों की यह फौज राष्ट्र विकास में योगदान देने के बजाए राष्ट्र एवं परिवार पर बोझ बनती जा रही है मगर अफसोस कि इसका कोई समाधान मोदी सरकार के पास भी नहीं है !

आज से 9 साल पहलें वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री द्वारा देश की जनता से महगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार को लेकर बड़े बड़े दावे किये गए थें हर साल दो करोड़ नौकरी दिये जानें की बात थी उस हिसाब से देश के 20 करोड़ युवाओं को नौकरी मिल जानी चाहिए थी लेकिन आज करोड़ों रोजगार से जुड़े युवा ही बेरोजगार घूम रहें है नई नौकरियां तो दूर ! वही महगाई कम करनें किये जानें की बात थी आज महगाई का आकलन देश की जनता खुद करले 14 रूपये किलो का आटा 40 रूपये किलो बिक रहा डीजल पेट्रोल गैस सिलेंडर की महगाई आसमान छू रही जिन कारणों सभी समान की कीमत दो से चार गुना बढ़ गई ! आज महगाई कम करने का बेरोजगारी दूर करने का मोदी सरकार के पास कोई उपाय नही है सिर्फ आमजनता का इन सभी मुद्दो से ध्यान भटकाकर वोट मांगा जा रहा !

तो क्या मोदी जी के भरोसे होगी हिमाद्रि की चुनावी नैया पार

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    1. आमीन वारसी

      कोतमा- जैसा कि सभी जानतें है आमचुनाव होनें जा रहा राजनैतिक दल एक बार फिर चुनाव अपनें पालें में लानें के लिए दर दर की ठोकर खानें को तैयार घोषित प्रत्याशी कमर कश कर अपनें समर्थकों के साथ चुनावी मैदान पर उतर चुकें है ! उसी क्रम में शहडोल संसदीय क्षेत्र से भी एक दर्जन प्रत्याशी चुनाव मैदान पर नज़र आनें लगें है !

      कांग्रेस प्रत्याशी का दिख रहा जनाधार

      कांग्रेस सांसद प्रत्याशी पुष्पराजगढ़ विधायक फुदेंलाल सिंह मार्को जबरदस्त जनाधार दिखाई पड़ रहा सांसद प्रत्याशी फुदेंलाल सिंह का शहडोल संसदीय क्षेत्र की जनता से मिलकर लगातार डोर टू डोर जनसंपर्क कर रहें है ! जिससेें शहडोल संसदीय क्षेत्र की आम जनता का कांग्रेस प्रत्याशी फुदेंलाल सिंह को समर्थन मिलता दिखाई पड़ रहा फुदेंलाल सिंह अभी तक अन्य प्रत्याशियों में सबसे मजबूत स्थिति में नज़र आ रहें है !

      मोदी के भरोसे हिमाद्रि चुनाव मैदान पर –

      बता दे कि मौजूदा सासंद हिमाद्रि सिंह को पार्टी ने भले ही टिकट देकर पुनः चुनाव मैदान पर उतार दिया है ! लेकिन हिमाद्रि सिंह का शहडोल संसदीय क्षेत्र में आम लोगों के बीच कोई जनाधार नही है हिमाद्रि सिंह पार्टी संगठन नेता कार्यकर्ताओं की सासंद बनकर अपना कार्यकाल समाप्त कर लिया आज भी नेताओं को छोड़कर शहडोल संसदीय क्षेत्र का आम इंसान शहडोल सासंद को नही पहचानता !

      पूरा शहडोल संसदीय क्षेत्र तो दूर की बात है अगर हम सिर्फ पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की ही बात करें तो हिमाद्रि सिंह को पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र का आम मतदाता नही पहचानता ! अब ये बात अलग है कि एक बार फिर मोदी जी कृपा और भारतीय जनता पार्टी एवं संगठन की मेहनत और लगन की बदौलत हिमाद्रि सिंह चुनाव जीत जाए ! जैसे 2019 लोकसभा चुनाव में मोदी और शिवराज की लोकप्रियता की वजह से हिमाद्रि सिंह विजयी हुई थी ! मगर हकीकत में देखा जाए तो हिमाद्रि सिंह का व्यक्तिगत रूप से शहडोल संसदीय क्षेत्र में कोई जनाधार दिखाई नही पड़ रहा उसका कारण स्वयं हिमाद्रि सिंह ही है! वो इसलिए कि हिमाद्रि सिंह सासंद बननें के बाद से सिर्फ पार्टी कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और सिर्फ नेता चेला चपाटियों की सुनी वही शहडोल संसदीय क्षेत्र की आमजनता और आमजनता की समस्याओं से हिमाद्रि सिंह का कोई लेना देना नही रहा ! हिमाद्रि सिंह आज भले ही दोबारा सासंद बननें की चाह लिए शहडोल संसदीय क्षेत्र की आम जनता के हाथ पाव जोड़ रही है लेकिन वोट मिलेगा और जीत हुई तो सिर्फ मोदी की वजह से ! अन्यथा मोदी और शिवराज लहर में भी पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र में हैट्रिक लगा चुकें फुदेंलाल सिंह तो बाजी मारेंगे ही !

आखिर डिप्टी रेंजर की मौत की गुत्थी कब तक सुलझेगी

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आमीन वारसी

अनूपपुर – वन परिक्षेत्र बिजुरी अंतर्गत हो रहें नए नए कारनामें देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वन विभाग उच्चाधिकारियों का उक्त कारनामों में पूरा अभयदान रहता है !

  • तभी तो फर्जी टी. पी. जैसा मामला अपराध की श्रेणी में आने के बावजूद भी इसकी जांच नही होना और पुनः नई टी पी जारी करना कई सवालों को जन्म देता है! रामनगर बैरियर प्रभारी प्रेमलाल वनवासी के शपथ पत्र अनुसार वाहन क्रमांक एम पी 18 जी ए 2885 से नीलगिरी परिवहन हेतु बिजुरी रेंज कंप्यूटर ऑपरेटर संजय शुक्ला से फोन पर बातचीत कर टी. पी. जारी करनें डिप्टी रेंजर एवं वाहन मालिक के बीच हुई बातचीत की वायरल ऑडियो क्लिप की सच्चाई का पता कम से कम जिम्मेदार अधिकारियों को तो लगाना ही चाहिए था !
  • जांच प्रतिवेदन में रेंजर ने स्वयं को बताया अंजान
  • इस फर्जी टी. पी. मामलें में वन मंडल अधिकारी अनूपपुर पत्र के संदर्भ में सौंपे गए अपनें ही जांच प्रतिवेदन में वन परिक्षेत्र कार्यालय बिजुरी में पदस्थ रेंजर ने खुद को इस मामलें से अंजान बताया जो आमजनता के समझ से परे है! वहीं सूत्रों का कहना है कि यदि छत्तीसगढ़ से लकड़ियों को लेकर आनें वालें सभी वाहनो की नाकों पर सघनता से जांच की जाए तो कई बड़े चौकानें वालें खुलासे हो सकतें है !

    आखिर क्या है वायरल ऑडियो की हकीकत! 

  • प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजुरी रेंजर के द्वारा जारी अपने प्रपत्र में लिखित रूप से जानकारी देते हुए बताया गया है कि उक्त मामलें से संबंधित कुछ ऑडियो क्लिप तत्कालीन वन मंडलाधिकारी अनूपपुर द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से व्यक्तिगत रूप से उनके निजी नंबर पर प्राप्त होना तथा फोन में कुछ तकनीकी समस्या के चलते पूरा फोन फॉर्मेट होने से फोन का पूरा डाटा नष्ट होना बताया गया है जो कि कहीं न कहीं फर्जी टी पी मामलें में जनचर्चा का विषय बन चुके उक्त वाहन चालक एवं वनवासी के बीच हुई बातचीत साथ ही वायरल ऑडियो क्लिप की सत्यता किस ओर इशारा कर रहा है! साथ ही वनवासी द्वारा भी अपनें शपथ पत्र में यह बताया गया है कि उक्त मामलें में फोन पर संजय शुक्ला कंप्यूटर ऑपरेटर ने बिजुरी रेंजर की सहमति बताकर टी. पी. पर सील और हस्ताक्षर करनें को कहा था तो फिर प्राप्त आवेदन पर संज्ञान लेते हुए उक्त मामलें की जांच कर दोषी व्यक्ति के विरूद्ध कार्यवाही करनें से विभाग क्यों बचता नज़र रहा है ! विभाग वायरल ऑडियो की सत्यता की जांच करानें से क्यों कतरा रहा कही ऐसा तो नहीं कि असली दोषी के सामने आतें ही जिम्मेदारों का भंडा फूट जाएगा शायद जिम्मेदार अधिकारियों को इसी बात का डर सता रहा है !
  • इनका कहना :

    उक्त मामलें की फाइल बाबू से मगाकर इस मामलें की जानकारी आपकों मेरे द्वारा जल्द ही दी जाएगी !

    श्रद्धा पेंद्रे
    वन मंडलाधिकारी, अनूपपुर 

संकेत की आत्महत्या का कारण सिर्फ प्रताड़ना नही

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आमीन वारसी

कोतमा– वार्ड नं 8 विकास नगर भालूमाड़ा रोड निवासी 26 वर्षीय संकेत उर्फ भोला की मौत का अब तक खुलासा नही हो सका ! संकेत की मौत के बाद यह चर्चा आम हो गई थी कि संकेत कर्ज में डूबा हुआ था और कर्जदारों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की है !

जबकि मृतक संकेत एक संपन्न परिवार का एकलौता लड़का था और अपनें पिता शिव कुमार जायसवाल के साथ मिलकर किराने की दुकान चलाता था !

मृतक संकेत के मित्रों अनुसार 13 फरवरी की रात लगभग 12 बजे संकेत अपनें दोस्तों के साथ मिलकर हसी मजाक करता रहा फिर घर जाकर कोई जहरीला पदार्थ खा लिया जिससेें संकेत की मौत हो गई ! जब सुबह दोस्तों ने यह खबर सुनी कि संकेत ने आत्महत्या कर ली है तो इस बात का किसी को यकीन ही नही हुआ सब यही कहते रहें कि देर रात 12 बजे हम सभी एक साथ हसी मजाक कर रहें थें ! बल्कि उसी रात हसी मजाक में एक दोस्त से शादी विवाह संबंधित वाट शाप चैट भी किया फिर अचानक ये कैसे हो गया जब मृतक संकेत का मोबाइल देखें तो जन चर्चा शुरू हुई कि मृतक संकेत कर्ज तले दबा हुआ था और मृतक संकेत उक्त कर्ज वापस कर पानें में शायद असमर्थ था और इस बात की जानकारी अपनें माता पिता को भी नही देना चाहता था इसलिए संकेत ने इस तरह का घातक कदम उठाया !

संकेत की मौत का कारण कर्ज या कुछ और जाचं कर रही पुलिस –

जैसे जैसे संकेत आत्महत्या मामला पुराना होता जा रहा वैसे वैसे जितनें मुंह उतनी बातें सामनें आ रही है !

लोगों का अब ये भी कहना है कि इस संसार में लोग एक दूसरे से कर्ज लेन देन करके ही अपना घर परिवार और व्यापार चला रहें है ! कोई बैंक से कर्ज लेता है कोई सेठ महाजन व्यापारी से तो कोई दोस्त मित्र से कर्ज लेकर अपना काम चलाता है ! तो क्या संकेत जायसवाल ने सिर्फ मामूली से कर्ज एवं कर्जदारों की प्रताड़ना के कारण आत्महत्या कर ली !

प्रताड़ना की पुष्टि अभी तक पुलिस नही कर पाई –

मृतक संकेत के परिवार द्वारा शिकायत के एक माह बाद भी पुलिस अब तक इस बात की पुष्टि नही हो पाई की किसी कर्जदार या फिर किसी सूदखोर एवं सटोरिया द्वारा मृतक संकेत को प्रताड़ित किया गया था जिस कारण संकेत ने आत्महत्या की !

अगर ऐसा होता तो अब तक पुलिस प्रताड़ित करनें वालें व्यक्ति पर मामला पंजीबंध कर जेल भेज चुकी होती ! लेकिन घटना की शिकायत किये हुए एक माह से ज्यादा बीत चुके है साथ ही मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों द्वारा निष्पक्ष जांच कर जल्द कार्यवाही करनें का निर्देश भी दिया गया इसके बाद भी अगर पुलिस एक माह से मामलें की जांच कर रही है ! इसका मतलब ये है कि संकेत की मौत का कारण कुछ और भी है ! कोई बात नही अभी पुलिस जाचं कर रही है एक ना एक दिन सच सब के सामनें आ ही जाएगा आखिर संकेत ने आत्महत्या क्योंकि !

इनका कहना: अभी मामलें की जाचं चल रही है जाचं उपरांत ही बता पाएंगे की संकेत ने किन कारणों से आत्महत्या की है !

सुन्द्रेश मरावी

थाना प्रभारी कोतमा !

कोतमा नगर पालिका कांग्रेसी अध्य्क्ष उपाध्यक्ष हुए भाजपाई

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आमीन वारसी 

कोतमा- कई दिनों से ये चर्चा आम हो रही थी कि कोतमा नगर पालिका अध्य्क्ष अजय सराफ नपा उपाध्यक्ष श्रीमती वैशाली बद्री ताम्रकार कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम सकतें है !

हलाकि इस बात का संकेत कोतमा गाधीं चौक में हुए लोकार्पण समारोह कार्यकम्र में मंच के माध्यम से ग्रामोद्योग कुटीर मंत्री दिलीप जायसवाल ने दे दिया था कि जल्द ही कांग्रेसी नगर पालिका अध्य्क्ष उपाध्यक्ष भाजपा का पट्टा अपनें गलें में डालनें वालें है ! और आज अनूपपुर नामांकन दाखिल कार्यकम्र में मध्यप्रदेश डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल एवं मंत्री दिलीप जायसवाल के हाथ से नगर पालिका अध्य्क्ष अजय सराफ उपाध्यक्ष श्रीमती वैशाली बद्री ताम्रकार ने भाजपा का पट्टा अपनें गलें डालकर भाजपाई हो गए ! अब कोई भी किंतु पंरतु का विषय नही है नगर पालिका अध्य्क्ष उपाध्यक्ष खुलेआम डंके की चोट पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण किये है !

तो क्या सचमुच नगर विकास के लिए दलबदला गया –

बताया जा रहा कि नगर विकास के लिए दल बदलना आवश्यक था इसलिए कांग्रेस से निर्वाचित हुए अध्य्क्ष उपाध्यक्ष ने दल बदल दिया अगर अजय सराफ और श्रीमती वैशाली बद्री ताम्रकार ने नगर विकास को ध्यान में रखतें हुए कांग्रेस पार्टी छोड़ भाजपा की सदस्यता लिए है तो अच्छी बात है ! पार्टी कोई भी हो नगर विकास होना चाहिए लेकिन नए नवेले भाजपाईयों को एक बात का ख्याल रखना होगा कि अगर दल बदलने के बाद भी नगर विकास में हीला हवाली हुई तो नगर की आमजनता ये कहनें में बिलकुल भी नही सोचेगी कि अध्य्क्ष अजय सराफ और उपाध्यक्ष वैशाली ने अपनें खुद के विकास लिए दलबदला था ! अब नए नवेले भाजपाईयों के आगें और भी बड़ी चुनौती सामनें होगी खासकर अजय सराफ के लिए क्योंकि वर्ष 2005 से 2022 तक भाजपा का नेतत्व करनें वालें नगर पालिका अध्य्क्ष रहें है ! जिन्होंने यकीनन नगर विकास का ध्यान रखा जिसमें श्रीमती उमा सोनी और स्वर्गीय राजेश सोनी जी का कार्यकाल ऐतिहासिक रहा है अब आप दोनों अध्य्क्ष उपाध्यक्ष को नगर का चहुंमुखी विकास निश्चित ही करना होगा आप दोनों को विकास करने वाली पार्टी से जुड़ने के लिए बहोत शुभकामनाएं !

सिविजिल ऐप एवं सुविधा एप्लिकेशन का कलेक्ट्रेट में किया जा रहा संचालन

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आमीन वारसी

अनुपपुर – भारत निर्वाचन आयोग के आईटी नवाचारों सिविजिल एवं सुविधा एप की जानकारी हेतु एक हेल्प डेस्क की स्थापना कलेक्ट्रेट में की गई है। उल्लेखनीय है कि निर्वाचन प्रक्रिया में पारदर्शिता को बढ़ाने हेतु एवं नागरिकों द्वारा निर्वाचन संबंधी शिकायतों की बिना पहचान प्रदर्शित किए सहभागिता बढ़ाने हेतु भारत निर्वाचन आयोग ने सिविजील ऐप की सुविधा उपलब्ध कराई है। यह एक एण्ड्रोइड आधारित ऐप है, जिसके माध्यम से रियल टाइम मे शिकायते प्रेषित की जा सकेंगी। इसी प्रकार अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों को रैली, आमसभा हेतु आसानी से अनुमति प्रदान करने के लिए SUVIDHA एप्लिकेशन की व्यवस्था भारत निर्वाचन आयोग ने की है। जिसके माध्यम से समयबद्ध अनुमति प्रदान करना एवं अंतर्विभागीय समन्वय आसान होगा।